इस लड़की ने दो साल इस पेड़ पर गुजारे
यह पेड़ 200 फीट ऊंचा है और 2 साल में एक भी बार नीचे नहीं आई।
1997 में कैलिफोर्निया की एक फेमस कंपनी जिसने कुर्सियां बनाने के लिए प्राचीन पेड़ों को काटना शुरू किया था जो पेड़ लगभग 3000 साल पुराने थे
यह सब देखकर 23 साल की जूलिया हिल ने अकेले लड़ने का फैसला किया।
कंपनी ने जूलिय हिल्ल काफी दबाव बनाया हेलीकॉप्टर तक भेजेट हनियां काटदी रबर को जलाया ताकि वह सांस ना ले सके
लेकिन जूलिया हिल्ल सबका सामना किया चक्रवात से लड़ी तूफानसे लड़ी तेज बारिश कड़कती बिजलियां सबसे लड़ी
उनकी फाइनेंशली सपोर्टिंग भी बंद हो गई लेकिन जूलिया हिल्ल सब सेलड़ती रही
उनके दोस्तों ने और कुछ अजनबियों ने उनकी मदद की ताकि उन्हें खाना पीना मिलता रहे
ए फाइनली 738 दिन के बाद कंपनी ने फैसला किया कि वह पेड़ नहीं कटेगी
और कुछ सालों बाद कंपनी खुद ही बैंक करप्ट हो गई
और जुलिया हिल्ल जीत गई
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आप सभी ने कई लोगों के बारे में सुना होगा कि पेड़ को कटने से बचाने के लिए आंदोलन किया गया तो कहीं प्रदर्शन. भारत का चिपको आंदोलन भी दुनिया भर में एक मिसाल बन गया था. लेकिन कोई शख्स पेड़ से कितनी देर चिपका रह सकता है?
लेकिन एक महिला ने तो पेड़ को कटने से बचाने के लिए उसे ही अपने रहने का ठिकाना बना लिया. और इतना ही नहीं वह उस बड़े से पेड़ पर कुछ दिन नहीं बल्कि दो साल तक बिता दिए. हम बात कर रहे हैं जूलिया बटरफ्लाई हिल की, जो करीब 26 साल पहले 200 फुट लंबे पेड़ को बचाने के लिए उस पर रहने लगी और उसी पर 738 दिन गुजार दिए.
जूलिया ने यह सब किसी प्लानिंग के साथ या मशहूर होने के किसी स्टंट के तहत नहीं किया था.यह कैसे हुआ यह भी एक रोचक कहानी है. जूलिया बटरफ्लाई हिल एक पर्यावरण एक्टिविस्ट हैं. पर्यावरण के लिए कुछ करने का मौका उन्हें दिसंबर 1997 में मिला. उस समय 23 साल की जूलिया कैलिफोर्निया में सड़क यात्रा कर रही थीं. तभी उनकी मुलाकात हम्बोल्ट काउंटी के शानदार रेडवुड के बीच “ट्री सिट्स” के माध्यम से घूमने वाले पर्यावरण-योद्धाओं के एक समूह से हुई. और उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें इन पेड़ों को बचाने के लिए कुछ करना चाहिए। तभी उन्होंने फैसला किया कि वह इस पेड़ को अपना घर बना लेंगी जब तक कम्पनी पेड़ों को काटना बन्द नहीं करती।
हिल को हेलीकॉप्टरों के जरिए परेशान किया गया, लकड़हारों ने उन्हें खूब धमकाया और उसे हर तरह के मौसम में पेड़ पर रहना पड़ा. जल्द ही, उसे अन्य संगठनों के अलावा “अर्थ फर्स्ट” और स्वयंसेवकों से सक्रिय समर्थन मिलने लगा और हिल का विरोध करते रहने का इरादा और प्रवास लम्बा खिंचता चला गया.
यह सब करना हिल के लिए आसान नहीं था. उस समय सबसे खराब एल नीनो तूफान था जो कैलिफोर्निया में देखा गया सबसे भयंकर तूफान था जिसमें तेज़ हवाएं और बारिश के तूफान थे जिससे जूलिया कई दिनों तक ठंडी और गीली रही. उसने ट्रीसिस्टर्स को बताया कि कभी-कभी “असुविधा और डर के कारण वह भ्रूण की मुद्रा में रोती रहती थी.” भोजन के लिए, उसके पास एक सिंगल बर्नर प्रोपेन स्टोव था और वह स्लीपिंग बैग में सोती थी.
लम्बे संघर्ष के बाद मिली जीत
बातचीत की लंबी अवधि के बाद जूलिया इस बात पर सहमत होने के बाद लूना से नीचे उतरने के लिए सहमत हो गई कि पेड़ को स्थायी रूप से संरक्षित किया जाएगा. इस स्टंट ने अमेरिका में खड़े पेड़ों की कमी के बारे में जागरूकता भी फैलाई. जब जूलिया नीचे आईं तो वह एक नेशनल हीरो बन चुकी थीं. तब से, हिल एक प्रेरक वक्ता, एक बेस्टसेलर लेखिका और सर्किल ऑफ़ लाइफ़ फ़ाउंडेशन और गैर-लाभकारी एंगेज नेटवर्क की सह-संस्थापक बन गई हैं. वे दुनिया भर में पर्यावरण और सामाजिक न्याय के मुद्दों की आगे की कतार में खड़ी रही है।